The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning
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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । shiv chalisa lyrics in marathi क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
वेद नाम महिमा तव गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.